मेहबूबा को समज़ाने के लिए उनसे इश्क करना पड़ता है,
किसीसे इश्क करने के लिए इस दिल को समज़ाना पड़ता है...!
इश्क का सागर बहूत गेहरा है...
गलीयाँ अजीब और रास्ता बहूत कठिन है...!
मै तो कहता हूँ की...
मत पडो इस इश्क की उलज़न् मै..क्योंकी...
इसे सुलज़ाने के लिए खुद को उलज़ाना पड़ता है...!
अगर ना सुलज़ा पाए इसे तो भगवान भी कुछ नहीं कर सकता,
आखीर मै दिलवालों को भी अपना दिल खोना पड़ता है...!
-Amit Shah (M.A.S.)
1 comment:
Ys
Learn From the my Past mistake.
Never Expect other than yourself
Believe in Yourself only
If You want a person for true love, that yourself only
Learn from the my past mistake
Friend
Post a Comment